पंजाब प्रान्त के जरांवाला में इस्लामी चरमपंथियों की भीड़ द्वारा किए गए हमले के तात्कालिक कारण वहाँ तथाकथित रूप से हुई कुरान के अपमान में ढूँढा जा सकता है, लेकिन जिस तरह से हमलावरों ने इसाई समुदाय के लोगों के घरों और पूजा-स्थलों में लूट-पाट व आगजनी की, वह पाकिस्तान में बढ़ती धार्मिक कट्टरता की ओर संकेत करती है| इसाई अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हुई इस घटना की पाकिस्तान में चौतरफा निंदा तो की जा रही है, लेकिन वहाँ के लोग घटना से जुड़े वाजिब सवालों को उठाने से कतरा रहे हैं| आधिकारिक और गैर-आधिकारिक हलकों में इसे भारत समेत सम्पूर्ण दक्षिण एशियाई क्षेत्र में होने वाली सामान्य परिघटना बताकर पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर हो रही उसकी किरकिरी से बचाने का भरसक प्रयास किया जा रहा है|